Murder of SC woman and sale her body organ
गांव के दबंगों ने सुपारी लेकर अनुसूचित जाति की महिला की हत्या कर डाक्टर से सांठ -गांठ कर उसके अनेक मानव अंगों जैसे दिल, यकृत, फेफड़े, किडनी आदि को दो में लाख रुपये बेचकर लाश को ठिकाने लगा |
दिनांक 19/07/2015 को सुबह 8:35 बजे ग्राम उजरई थाना कागरोल जिला आगरा (Uttar Pradesh-India) में दलित समुदाय की महिला निहाल देवी पत्नी कालीचरण के साथ अपराधिक षणयंत्र रच कर उसकी हत्या करने के बाद लाश को ठिकाने लगा दिया और इसे दुर्घटना का रूप दे कर अपराधियों ने मनमाफिक निष्कर्ष निकालकर अपने दुर्विवेक से उसके जीवन और मृत्यु की फाइल बंद कर दी |
गांव उजरई के ही कालीचरण ने अपनी पत्नी श्रीमती निहाल देवी से चल रहे मनमुटाव के कारन उसने गांव के ही अपराधी प्रवृति के चन्द्रभान पुत्र दीनदयाल को उसे ठिकाने लगाने के लिए १०००० रुपये की सुपारी दी | यह ज्ञातव्य है कि विगत काफी वर्षों से गांव में हो रहे अधिकतर अपराधिक घटनाओं में चन्द्रभान और उसका परिवार शामिल रहा है तथा उन सभी घटनाओं का सृजक भी रहा है और अपनी दबंगई व् राजनितिक पहुंच के बल पर वह गांव में ३०-३५ लोगों का एक संगठन बनाकर नियमित अंतराल पर अनेक अपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा है और उस मृतक महिला निहाल देवी के पति कालीचरण से उसकी काफी गहरी घनिष्टता भी है |
दिनांक 19.07.2015 को चन्द्रभान अपने ट्रेक्टर पर अन्य मजदूरों के साथ श्रीमती निहाल देवी को भी विठाकर धान रोपने के बहाने ले जा रहा था और साजिशन व् पूर्वनियोजित षणयंत्र के तहत उसने निहाल देवी को ड्राइविंग सीट के ठीक पीछे ट्रैक्टर पर लगे लकड़ी के पट्टे पर बिठा लिया और अन्य को ट्रैक्टर के साथ लगी ट्राली में बिठा दिया और जैसे ही उसने ट्रैक्टर चलाया तो अपनी पीठ से जबरदस्त धक्का मारकर निहाल देवी को नीचे गिरा दिया और ट्रैक्टर कि गति तेज कर दी जिससे वह ट्राली के पहिये की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गयी | घायलवस्था में भी वह पूरी तरह से होशो-हवास में थी और कह रही थी चन्द्रभान ने मुझे धक्का देकर नीचे गिराया है अब मुझे जल्दी ही डाक्टर के पास ले चलो जिससे खून का रिसाव रोककर मुझे बचाया जा सके परन्तु संवेदनहीनता और निर्दयता की पराकाष्टा तो तब हो गयी जब चन्द्रभान ने उसे ट्रैक्टर ट्राली में लादकर गांव के बाहर निर्माणाधीन हाई-वे पर ले जाकर खड़ा कर दिया और वहां उसे घायलावस्था में पूरे पांच घंटे खड़े रखा जब उसे पूर्ण विश्वास हो गया कि काफी खून बहने की बजह से अब उसका बचना मुश्किल है तब उसने पास के गांव नगला -सिकरवार के रवि नामक व्यक्ति की मेटाडोर मंगवाकर सिकंदरा आगरा स्थित किसी नर्सिंग होम में ले गया जहाँ उसे मात्र २० मिनट बाद ही देर से लाने व् अधिक खून बहने के कारन डाक्टर ने यह सूचित किया कि वह जल्दी ही मरने वाली है , इसी समय चन्द्रभान ने डाक्टर से सांठ -गांठ कर उसके अनेक मानव अंगों जैसे दिल, यकृत, फेफड़े, किडनी आदि को निलकवाने का सौदा दो लाख रुपये में कर लिया और उसके इन मानव अंगों को निकलवाने के लिए अगले ४ घंटे तक हॉस्पिटल में उसके शरीर के साथ काट-छांट कर उक्त मानव अंगों को निकालकर उसे मृत घोषित कर दिया और तब तक चन्द्रभान और डाक्टर उसके इलाज करने का नाटक करते रहे |
उसके बाद रात ७:३० बजे के करीब गाँव लाकर अपने पक्ष के लोगों जिनमे दिनेश व देवेन्द्र पुत्र गण चंद्रभान केशव पुत्र ज्योति, बद्री पुत्र ज्योति, रामेश्वर संजय त्रिलोकी पुत्र गण बद्री, बॅनबारी पुत्र प्यारे लाल, सीताराम पुत्र रामशरण, उमाशंकर पुत्र दीनदयाल, सोमेंद्र पुत्र ओमप्रकाश, कालीचरण पुत्र श्रीचंद, रामदेव पुत्र जगनी, लक्ष्मण सिंह पुत्र निहाल सिंह, तालेवर व् पप्पू पुत्रगण लक्ष्मण सिंह आदि ने मिलकर लाश को ठिकाने लगा दिया( जला दिया)|
इस घटना की जानकारी न तो उक्त में से किसी ने और न ही महिला के परिवार वालों ने और ना ही डॉक्टर ने पुलिस को दी |
उक्त लोग इतने दबंग और अपराधी प्रकृति के प्रभावशाली है कि जो भी इनकी शिकायत करता है या तो उसकी हत्या कर दी जाती है अथवा उसको इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वह गांव से पलायन कर जाता है अथवा उनके आतंक से डर कर उनके पक्ष में बयान दे देता है और स्थानीय पुलिस- प्रसासन इनके हाथ की कठपुतली बन कर कार्य करता है ||
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