
Justice for pankaj
284
people have signed this petition. Add your name now!

284
people have signed. Add your voice!
29%

न्याय कहाँ मिलता हैं
समझ नहीं आता कि लोग विरोध के मुद्दे कैसे तय करते हैं। यह भी पल्ले नहीं पड़ता कि पढ़ाई-लिखाई और संस्कार मनुष्यता पर कैसे हावी हो जाते हैं। यह कौन सा ज्ञान है जो हमें चिराग तले अंधेरे की स्थिति में पहुंचाता है। विचारों का कैसा अतिवाद है जो सच को सच और झूठ को झूठ कहने से रोक देता है और घटनाओं, हत्याओं और हादसों में वैचारिक करीबी या मतभेद को पहले देखता है। पर आज लोग सिर्फ अति कर रहे हैं। अपने आस-पास रोज हो रही मौतों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा, लेकिन बोलने पर आते हैं तो सैकड़ों मील दूर की एक मौत भी काफी है। यकीनन एक मौत या एक हादसे पर भी शोर होना चाहिए पर अपने पड़ोसी के दर्द में हिस्सेदारी क्यों नहीं होती।
Comment